About Shodashi
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चत्वारिंशत्त्रिकोणे चतुरधिकसमे चक्रराजे लसन्तीं
ह्रीं श्रीं क्लीं परापरे त्रिपुरे सर्वमीप्सितं साधय स्वाहा॥
॥ इति त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः सम्पूर्णं ॥
The Devas then prayed to her to demolish Bhandasura and restore Dharma. She is believed to get fought the mom of all battles with Bhandasura – some Students are of your check out that Bhandasura took various sorts and Devi appeared in various sorts to annihilate him. Finally, she killed Bhandasura While using the Kameshwarastra.
॥ इति श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः सम्पूर्णः ॥
अष्टारे पुर-सिद्धया विलसितं रोग-प्रणाशे शुभे
यस्याः विश्वं समस्तं बहुतरविततं जायते कुण्डलिन्याः ।
ஓம் ஸ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் ஐம் ஸௌ: ஓம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் க ஏ ஐ ல ஹ்ரீம் ஹ ஸ க ஹ ல ஹ்ரீம் ஸ க ல ஹ்ரீம் ஸௌ: ஐம் க்லீம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம்
The Devi Mahatmyam, a sacred text, specifics her valiant fights inside of a number of mythological narratives. These battles are allegorical, representing the spiritual ascent from ignorance to enlightenment, Along with the Goddess serving as the embodiment of supreme expertise and ability.
Hence, the Shodashi mantra is chanted to help make 1 way more appealing and hypnotic in life. This mantra can transform your daily life in times as this is a really potent mantra. A single who's got mastered this mantra will become like God Indra in his lifestyle.
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach
The Mahavidya Shodashi Mantra fosters emotional resilience, supporting devotees solution lifestyle having a tranquil and continuous mind. This benefit is valuable for people experiencing anxiety, since it nurtures interior peace and a chance to retain psychological stability.
तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में भी इस साधना को सम्पन्न नहीं कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न कर सकते है।
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और Shodashi उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।